5 Simple Techniques For hanuman chalisa
5 Simple Techniques For hanuman chalisa
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तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी परब्रह्म राम की क्रिया शक्ति हैं। अतः उसी शक्ति के द्वारा उन्होंने भयंकर रूप धारण करके असुरों का संहार किया। भगवान् श्री राम के कार्य में लेश मात्र भी अपूर्णता श्री हनुमान जी के लिये सहनीय नहीं थी तभी तो ‘राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम‘ का भाव अपने हृदय में सतत सँजोये हुए वे प्रभु श्री राम के कार्य सँवारने में सदा क्रिया शील रहते थे।
व्याख्या – मनरूपी दर्पण में शब्द–स्पर्श–रूप–रस–गन्धरूपी विषयों की पाँच पतवाली जो काई (मैल) चढ़ी हुई है वह साधारण रज से साफ होने वाली नहीं है। अतः इसे स्वच्छ करने के लिये ‘श्रीगुरु चरन सरोज रज’ की आवश्यकता पड़ती है। साक्षात् भगवान् शंकर ही यहाँ गुरु–स्वरूप में वर्णित हैं–‘गुरुं शङ्कररूपिणम् ।‘ भगवान् शंकर की कृपा से ही रघुवर के सुयश का वर्णन करना सम्भव है।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥३७॥ जो सत बार पाठ कर कोई ।
PavanatanayaPavanatanayaSon of wind god, Lord Hanuman sankataSankataTrouble / sorrow haranaHaranaRemover / banish mangalaMangalaAuspicious / blessing / joy mūrati MūratiStatue / embodiment rūpaRūpaForm
भावार्थ – श्री गुरुदेव के चरण–कमलों की धूलि से अपने मनरूपी दर्पण को निर्मल करके मैं श्री रघुवर के उस सुन्दर यश का वर्णन करता हूँ जो चारों फल (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) को प्रदान करने वाला है।
BalaBalaStrength / electric power buddhiBuddhiIntelligence / knowledge bidyaBidyaKnowledge dehuDehuGive / present harahuHarahuClear / clear away kalesaKalesaSuffering bikaraBikaraImperfections / impurity Which means: Realizing this entire body for being devoid of intelligence/wisdom, I bear in mind the son of wind God, Lord Hanuman; Grant me power, intelligence and information and remove my bodily sufferings and mental imperfections.
बिना श्री राम, लक्ष्मण एवं सीता जी के श्री हनुमान जी का स्थायी निवास सम्भव भी नहीं है। इन चारों को हृदय में बैठाने का तात्पर्य चारों पदार्थों को एक साथ प्राप्त करने का है। चारों पदार्थों से तात्पर्य ज्ञान (राम), विवेक (लक्ष्मण), शान्ति (सीता जी) एवं सत्संग (हनुमान जी) से है।
As the error was done with the god Indra, he grants Hanuman a wish that his entire body can be as solid as Indra's Vajra, and that his Vajra could also not damage him. In conjunction with Indra other gods have also granted him needs: the God Agni granted Hanuman a want that fireplace won't damage him; God Varuna granted a would like for Hanuman that water is not going to hurt him; God Vayu granted a want for Hanuman that he are going to be as fast as wind and that the wind is not going to hurt him. Brahma also granted Hanuman a would like that he can move to any place the place he can not be stopped. Hence these wishes make Hanuman an immortal, that has unique powers and power.[fifty]
bhūtaBhūtaEvil spirits / ghosts pishāchaPishāchaDemons nikataNikataClose / around nahiNahiNot āvaiĀvaiCome
When he observed Anjani, Batara Expert was so stunned that he released semen. The king of the puppet gods rubbed it with tamarind leaves and threw it into the lake. The sinom leaf fell on Anjani's lap. She also picked it up and ate it until she became pregnant. When it absolutely was time to present start, Anjani was assisted because of the angels sent by Batara Expert. She gave start into a infant monkey with white hair, whilst herself again experienced a wonderful deal with and was taken to heaven as an angel.
व्याख्या – संसार में मनुष्य के लिये चार पुरुषार्थ हैं – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। भगवान के दरबार में बड़ी भीड़ न हो इसके लिये भक्तों के तीन पुरुषार्थ को हनुमान जी द्वार पर ही पूरा कर देते हैं। अन्तिम पुरुषार्थ मोक्ष की प्राप्ति के अधिकारी श्री हनुमन्तलाल जी की अनुमति से भगवान के सान्निध्य पाते हैं।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥३३॥ अन्त काल रघुबर पुर जाई ।
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